
दिल्ली,रिपोर्ट- मारीदास :- दक्षिणी भारत के मरिअम्मन फेस्टिवल का उत्साह राजधानी दिल्ली के मोरी गेट में देखने को मिला, ग्यारह दिनों के इस पर्व में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा भाव से मन्नत पूरी होने के आस में अलग अलग तरीकों से मनाया, श्रद्धालु 12 फुट का त्रिशूल अपने गाल के आर पार कर माता के सामने नतमस्तक होते हैं, कुछ लोग और महिलाएं तो नंगे पैर दहकते आँगरों पर चले, और मुंह से लोहे का त्रिशूल जिस तरह आरपार निकाल रहे थे, उसे देखकर आमजन हैरान हो गए, लोगों का मानना है कि इस तरह कष्ट उठाने से मन्नत पूरी होती है, और इनका ये भी कहना है कि अंगारों पर चलने से जो कुछ त्वचा जलती है उसको दवाई की जरूरत नही होती, वो माता की भभूत से ठीक हो जाती है। प्रधान ए. रामू ने बताया पोंगल पर्व में लोग श्री देवी मारिअम्मान की पूजा करते हैं। जो शीतला माता का रूप मानी जाती है। पोंगल पर्व खासकर मई में मनाया जाता है। लोग इसे अलग-अलग धारणा से पूजते हैं। पी. संजय और एस. राजू ने बताया कि जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है, वह पुरूष गाल के आर-पार 12 फुट का त्रिशूल लगा कर श्री देवी मारिअम्मान माता के सामने नतमस्तक होते है। एस. राजू ने बताया कि ग्यारह दिनों की पूजा में श्रद्धालु मंदिर में रहकर गुड और चावल का भोजन कर मंदिर में रहते हैं। श्रद्धालुओं में धारणा है कि ऐसा करने से माता खुश होती है। इन हैरतंगेज कारनामों से किसी की कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहूंचता है।