हेल्थ

हड्डियों में दर्द होना ब्लड कैंसर का हो सकता है लक्षण, तुरंत लें डॉक्टरों की सलाह

डॉक्टरों का कहना है कि अगर कैंसर का पता जल्द ही चल जाए तो मरीज को आसानी से बचाया जा सकता है, लेकिन लोगों को कैंसर के लक्षणों की जानकारी कम होती है. यही वजह है कि अधिकतर मरीज एडवांस स्टेज में इलाज़ के लिए पहुंचते हैं.

देशभर में हर साल लाखों लोगों की मौत कैंसर से हो जाती है. कैंसर (Cancer) कई प्रकार के होते हैं. इनमें ब्लड कैंसर (Blood Cancer) भी मौतों का एक बड़ा कारण है. शरीर में खून की कमी होने से ल्यूकेमिया हो जाता है. ल्यूकेमिया को ब्लड कैंसर भी कहा जाता है. इस बीमारी में शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं (White Blood Cells) तेजी से बढ़ने लगती हैं. अगर समय पर इसका इलाज न किए जाए तो यह बीमारी घातक बन जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि ब्लड कैंसर की बीमारी जेनेटिक नहीं है. खराब जीवनशैली, खानपान का ध्यान न रखना, प्रदूषण और अन्य कई कारणों से भी यह होती है. बोनमैरो ट्रांसप्लांट के जरिए ब्लड कैंसर का रोगी ठीक हो सकता है.

कैंसर एक्सपर्ट डॉ. विनीत कुमार बताते हैं कि जब सफेद रक्त कोशिका बढ़ती है तो  (White Blood Cells) डीएनए को क्षति पहुंचती है. इससे ल्यूकेमिया होता है. इस कैंसर की सेल बोनमैरो में बढ़ती हैं और इसमें रहकर ही स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को सामान्य रूप से बढ़ने और काम करने से रोकती हैं. इसलिए ब्लड कैंसर को बोनमैरो (Bone Marrow Cancer)  का कैंसर भी कहा जाता है. इसकी पहचान जांच फ्लो साइटोमेट्री टेक्निक से की जाती है. जांच में कैंसर की पुष्टि होने पर मरीज की स्टेज के हिसाब से उसका इलाज किया जाता है. शुरुआती चरण में कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी होती है. गंभीर मामलों में बोनमैरो ट्रांसप्लांट किया जाता है.

जागरूकता है जरूरी

डॉ के मुताबिक, अगर कैंसर का पता जल्द ही चल जाए तो मरीज को आसानी से बचाया जा सकता है, लेकिन लोगों में कैंसर के लक्षणों की जानकारी कम होती है. यही वजह है कि अधिकतर मरीज एडवांस स्टेज में इलाज़ के लिए पहुंचते हैं.

यह होते हैं लक्षण

बार-बार बुखार आना, शरीर के किसी हिस्से में गांठ, अचानक वजन घटना, कमजोरी, खून की कमी, रात में अचानक पसीना आना, जोड़ों और हड्डियों में  दर्द और सूजन की समस्या देखने को मिल सकती है. इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की गलती बिल्कुल न करें. ऐसा कुछ महसूस होने पर डॉक्टरों की सलाह लें.