उत्तर प्रदेशचुनाव

अपर्णा के अलावा सपा से अलग होने वाले मुलायम के रिश्तेदार

त्तर प्रदेश के सबसे मजबूत माने जाने वाले यादव परिवार यानी मुलायम सिंह यादव के उन करीबी किरदारों के बारे में विस्तार से जानते हैं, जिन्होंने समाजवादी पार्टी से अलग राजनीतिक राह पकड़ ली.

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार में बड़ी सेंध लगा दी. मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बुधवार को औपचारिक रूप से बीजेपी की सदस्यता ले ली. इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की. इस बार चुनाव मैदान में उनके किस्मत आजमाने को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं. मुलायम सिंह के रिश्तेदारों में इससे पहले उनके समधी हरिओम यादव बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. वहीं मुलायम यादव के साढ़ू प्रमोद कुमार गुप्ता के भी सपा छोड़कर बीजेपी में जाने की बात पक्की हो चुकी है.

उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के जनक मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल सिंह यादव भी इससे पहले अपनी अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में उन्होंने सपा प्रमुख और भतीजे अखिलेश यादव से लंबी मुलाकातों के बाद गठबंधन का ऐलान किया है. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी ज्वाइन करने की अफवाहों पर विराम भी लगा दी. आइए, उत्तर प्रदेश के सबसे मजबूत माने जाने वाले यादव परिवार के इन किरदारों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

अपर्णा यादव –

अपर्णा यादव की शादी मुलायम यादव और साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव से हुई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ही वह भी उत्तराखंड के ठाकुर (बिष्ट) पृष्ठभूमि से आती हैं. अपर्णा एक महत्वाकांक्षी राजनीतिज्ञ होने के अलावा एक प्रशिक्षित और योग्य शास्त्रीय गायिका भी हैं. उन्होंने लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है, और मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी, यूके से अंतर्राष्ट्रीय संबंध और राजनीति में मास्टर डिग्री प्राप्त की है. खुद एक पशु प्रेमी अपर्णा एक एनजीओ ‘बी अवेयर’ चलाती हैं, जो पशु कल्याण के लिए काम करती है. वह महिला सुरक्षा और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े मुद्दों पर भी काम करती रही हैं. अपर्णा ने 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट से यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ा. बीजेपी उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी ने उन्हें कड़ी शिकस्त दी थी.


हरिओम यादव –

मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव साल 2012 और 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. हरिओम के सगे भाई रामप्रकाश नेहरू की बेटी मृदुला से रणवीर सिंह यादव की शादी हुई थी. रणवीर, मुलायम के बड़े भाई रतन सिंह यादव के बेटे हैं. रणवीर और मृदुला के बेटे भी मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं. मुलायम सिंह यादव  के समधी और फिरोजाबाद की सिरसागंज सीट से विधायक हरिओम यादव सपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर रामगोपाल यादव और उनका बेटा समाजवादी पार्टी को खत्म करने की साजिश रच रहा है.

प्रमोद कुमार गुप्ता –

मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव के बहनोई प्रमोद कुमार गुप्ता औरैया जिले की बिधूना क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. विधानसभा चुनाव 2012 में सपा से विधायक रहे प्रमोद कुमार गुप्ता उर्फ एलएस बीजेपी में शामिल होंगे. बिधूना कस्बा के किशोरगंज निवासी प्रमोद ने खुद इस बात की पुष्टि की. प्रमोद गुप्ता एलएस मुलायम के करीबी नेता माने जाते हैं. वह एक बार टिकट न मिलने पर निर्दलीय नगर पंचायत का चुनाव लड़े और जीते थे. इसके बाद 2012 में विधानसभा पहुंचे. 2012 से 2017 तक चली सपा सरकार में एलएस को कोई बड़ा ओहदा नहीं मिला था. पूर्व विधायक प्रमोद गुप्ता ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि अब समाजवादी पार्टी कब्जाधारियों की पार्टी रह गई है. अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह को कैद कर रखा है.

शिवपाल सिंह यादव –

समाजवादी पार्टी से अलग होकर खुद की बनाई प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल सिंह यादव के गुन्नौर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरने की उम्मीद टूटने के बाद उनकी नाराजगी ने कयासों को मजबूत किया कि वह दोबारा अलग राह पकड़ सकते हैं. शिवपाल के गुन्नौर सीट से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी के बीच समाजवादी पार्टी ने रामखिलाड़ी यादव को टिकट देकर साफ कर दिया कि वह गठबंधन में प्रसपा को यह सीट नहीं देगी. अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने के कुछ देर बाद ही शिवपाल यादव की नाराजगी और बीजेपी से संपर्क की खबरों ने राजनीतिक माहौल को काफी गर्म कर दिया था. 

बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और नए नेताओं को शामिल करनेवाली समिति के प्रमुख लक्ष्मीकांत वाजपेयी के दावे के बाद शिवपाल सिंह यादव ने इस बारे में सफाई दी. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘लक्ष्मीकांत बाजपेई जी के इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है कि मैं भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकता हूं. मैं अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ हूं.’ 2017 विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम के बड़े बेटे अखिलेश यादव से अनबन के बाद शिवपाल सिंह यादव ने अलग पार्टी बना ली थी. जसवंतनगर सीट से विधायक शिवपाल के बेटे आदित्य यादव भी सक्रिय राजनीति में हैं.

उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव

उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा. यूपी में सात चरणों में 10, 14, 20, 23, 27 और 3 और 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी. प्रदेश में पहले चरण के मतदान को लेकर अधिसूचना जारी हो चुकी है. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल मई 2022 में समाप्त होगा.