बिज़नेस

फरवरी में महंगाई दर में आ सकती है नरमी, फिलहाल ग्रोथ ज्यादा बड़ी चिंता: रिपोर्ट

भारत की कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (Consumer Price Index) आधारित महंगाई फरवरी में जनवरी के मुकाबले कम रहने की उम्मीद है. यह बयान मोतीलाल ओस्वाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने दिया है.

भारत की कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (Consumer Price Index) आधारित महंगाई (Inflation) फरवरी में जनवरी के मुकाबले कम रहने की उम्मीद है. यह बयान मोतीलाल ओस्वाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने दिया है. इस बात का ध्यान रखें कि कमोडिटी की ज्यादा कीमतें (Prices), खासतौर पर परिवहन के तेल की कीमतों (Fuel Prices) ने जनवरी 2022 में महंगाई से ज्यादा स्तर में योगदान दिया है. इसके नतीजे में भारत में महंगाई का मुख्य आंकड़ा- कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स सालाना आधार पर बढ़ गई है. इंडेक्स पिछले महीने बढ़कर 6.01 फीसदी पर पहुंच गया, जो दिसंबर 2021 में 5.66 फीसदी और जनवरी 2021 में 4.06 फीसदी पर रिकॉर्ड किया गया था.

इसके साथ रिटेल महंगाई की दर भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य को पार कर गई थी. केंद्रीय बैंक ने दो से छह फीसदी की रेंज में सीपीआई रहने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा, कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स में बढ़ोतरी की दर, जो खाने के उत्पाद की रिटेल कीमतों में बदलाव को मापती है, दिसंबर 2021 के 4.05 फीसदी से बढ़कर पिछले महीने 5.43 फीसदी पर पहुंच गई.

जनवरी में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची: रिपोर्ट

मोतीलाल ओस्वाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि सीपीआई अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहले ही पहुंच चुकी है और यह सालाना आधार पर फरवरी 2022 में कम हो जाएगी. उसने कहा कि इसके अलावा भारत में इस समय महंगाई से ज्यादा बड़ी चिंता ग्रोथ है. उसने आगे कहा कि वे रियल जीडीपी के बाजार के 6 फीसदी के अनुमान के बदले 5 से 5.5 फीसदी पर बढ़ने की उम्मीद करते हैं. वे मॉनेटरी पॉलिसी के भारत में धीरे-धीरे सामान्य होने की उम्मीद कर रहे हैं.

आपको बता दें कि खुदरा महंगाई में तेजी आ रही है. जनवरी में खुदरा महंगाई दर 6.01 फीसदी रही जो दिसंबर के महीने में 5.66 फीसदी थी. दिसंबर के लिए खुदरा महंगाई को रिवाइज किया गया है और यह 5.66 फीसदी रही. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गवर्नर शक्तिकांत दास की अहम बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद मीडिया से शक्तिकांत दास ने कहा था कि जनवरी में महंगाई दर 6 फीसदी के करीब रहेगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने महंगाई का लक्ष्य 4 फीसदी रखा है. 2 फीसदी का मार्जिन दिया गया है. महंगाई के लिए अपर लिमिट 6 फीसदी और लोअर लिमिट 2 फीसदी है. एकबार फिर से महंगाई रिजर्व बैंक के दायरे को पार कर गई है. नवंबर में खुदरा महंगाई 4.91 फीसदी, अक्टूबर में 4.48 फीसदी रही थी. एक साल पहले दिसंबर 2020 में खुदरा महंगाई दर 4.59 फीसदी रही थी.