ALWARBEHROR NEWSbreaking newsRAJASTHANsocial workदेशशिक्षा

दो दिवसीय अन्तर संकाय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ|

बिल्लूराम सैनी,कोटपूतली:-कस्बे में लाल बहादुर शास्त्री राजकीय महाविद्यालय में आज दिनांक 30.01.2023 को गांधी अध्ययन केन्द्र द्वारा सामाजिक सद्भाव एवं राष्ट्रीय विकास में गांधी दर्शन की प्रांसगिकता पर द्वि-दिवसीय अन्तर संकाय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ सरस्वती वन्दना एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य एवं संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्ष डॉ. उर्मिल महलावत ने स्वागत उद्बोधन के साथ कहा कि अच्छे समाज के लिए उच्च नैतिक मूल्य, गांधी जी सीखने चाहिए। राष्ट्रीय संगोष्ठी के संरक्षक डॉ. उर्मिल महलावत, संयोजक प्रो. सुरेश कुमार यादव, सह-संयोजक डॉ. पी.सी. जाट, आयोजन सचिव डॉ. सत्यवीर यादव, डॉ. विनोद भारद्वाज, प्रो. देशराज यादव ने पुष्प गुच्छ, शॉल एवं स्मृति चिन्ह द्वारा मुख्य अतिथि प्रसिद्ध गांधी चिन्तक प्रो. नरेश दाधीच एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. सुरेन्द्र सिंह समवन्यक राष्ट्रीय सेवा योजना तथा अन्य उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया।परामर्शदाता मण्डल सदस्य डॉ. आर.पी. गुर्जर ने सन् 1962 में स्थापित इस महाविद्यालय का परिचय देते कहा कि वर्तमान में इस महाविद्यालय में लगभग 6500 विद्यार्थी अध्ययनरत है। 14 विषयों में स्नातकोत्तर कक्षाऐं एवं तीन शोध केन्द्र चल रहे है। सह-संयोजक डॉ. पी.सी. जाट ने द्वि-दिवसीय संगोष्ठी का परिचय देते हुए कहा कि उद्घाटन एवं समापन सत्र के अतिरिक्त सात तकनीकी सत्र आयोजित किये जायेगें। जिनमें लगभग 75 शोध पत्र पढे जाने की संभावना है। विशिष्ट अतिथि के रूप में आयुक्तालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के संयोजक डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि गांधी जी ने सत्य अहिंसा के सिद्धान्तों को अपनाया, उन्हें किसी पर थोपा नहीं। गांधी जी ने अस्पृश्यता निवारण, सामाजिक सद्भाव एवं मानव सम्मान के लिए कार्य किया ।
संगोष्ठी उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता एवं अतिथि प्रो. नरेश दाधीच (पूर्व कुलपति वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा ) ने गांधी दर्शन की प्रांसगिकता को समझाते हुए कहा कि गांधी जी ने साम्प्रदायिक सद्भाव की स्थापना के लिए सर्व धर्म सद्भाव एवं प्रार्थना सभा को अपनाया। उन्होनें तत्कालीन समाज में व्याप्त अस्पृश्यता का विरोध किया तथा उसके निवारण के लिए कार्य किये। प्रो. दाधीच ने अपने उद्बोधन में कहा कि गांधी जी की दांडी यात्रा से महिला सशक्तिकरण को बल मिला। नमक सत्याग्रह में सरोजिनी नायडू आदि अनेक महिलाओं ने भाग लिया।उद्घाटन सत्र के अतिरिक्त आज दिनांक 30.01.2023 को संगोष्ठी के अन्तर्गत चार तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जीवन सिंह एवं सह-अध्यक्षता श्री प्रहलाद स्वामी ने की। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डॉ. अमित शर्मा एवं सह-अध्यक्षता डॉ. अनुभा गुप्ता, तृतीय सत्र की अध्यक्षता डॉ. आर.पी. गुर्जर एवं सह-अध्यक्षता डॉ. अनुपमा सक्सैना ने की। चतुर्थ तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. मधु नागर एवं सह-अध्यक्षता डॉ. पदमा मीणा ने की। इन सत्रों में डॉ. सविता, प्रहलाद स्वामी, डॉ. गजराज सिंह, डॉ. बबीता, डॉ.संदीप आर्य झांसी, डॉ. राखी शुक्ला इंदौर, डॉ. शर्मिला कारकी गंगटोक ने पत्र वाचन किया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में स्मारिका का विमोचन मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, प्राचार्य एवं उपस्थित अतिथियों द्वारा किया गया। गांधी जी पुण्य तिथि के अवसर पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया तथा दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संगोष्ठी के संयोजक प्रो. सुरेश कुमार यादव द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया तथा मंच संचालन डॉ. सत्यवीर सिंह एवं तकनीकी संचालन श्री देशराज यादव एवं डॉ. विनोद कुमार भारद्वाज ने किया। इस अवसर पर लगभग 300 प्रतिभागी तथा संकाय सदस्य ऑन-लाईन तथा ऑफ लाईन उपस्थित रहें।