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बुर्किना फासो में हुआ सैन्य तख्तापलट! विद्रोही सैनिकों ने कहा- देश पर अब सेना का कब्जा, लागू किया गया कर्फ्यू

 देश के नए सैन्य नेता लेफ्टिनेंट कर्नल पॉल हेनरी सैंडाओगो दामिबा (Paul Henri Sandaogo Damiba) द्वारा साइन किए गए प्रेस रिलीज को पढ़कर तख्तापलट का ऐलान किया गया.

बुर्किना फासो (Burkina Faso) में विद्रोही सैनिकों ने तख्तापलट (Burkina Faso coup) कर दिया है. सरकारी टेलीविजन पर सोमवार को 10 से अधिक विद्रोही सैनिकों ने घोषणा की कि बुर्किना फासो पर अब जुंटा (सेना) का नियंत्रण है. इससे पहले बुर्किना फासो के राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे (Roch Marc Christian Kaboré) को बागी सैनिकों ने बंधक बना लिया था. यह पिछले 18 महीने में तीसरा पश्चिमी अफ्रीकी देश है, जहां इस्लामी चरमपंथ से सरकार के निपटने के तौर-तरीकों को लेकर सेना ने तख्तापलट (Burkina Faso Military Coup) किया है.

कैप्टन सिदसोरे कबेर औएद्राओगो (Sidsore Kaber Ouedraogo) ने कहा कि सुरक्षा एवं बहाली के इस देशभक्ति आंदोलन (पैट्रियोटिक मूवमेंट) ने अपनी जिम्मेदारी निभाने का फैसला किया है. गहराते इस्लामी विद्रोह और संकट से निपटने में राष्ट्रपति की अक्षमता की वजह से बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के कारण सैनिक काबोरे के राष्ट्रपति कार्यकाल को समाप्त कर रहे हैं. अभी तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे कहां हैं. वहीं, जुंटा के प्रवक्ता ने कहा कि केवल तख्तापलट किया गया है, ‘गिरफ्तार किए गए लोगों को किसी प्रकार की कोई चोट नहीं पहुंचाई गई, उन सभी को सम्मान के साथ सुरक्षित स्थान पर रखा गया है.’

देश में लागू किया गया कर्फ्यू

नाम उजागर ना करने की शर्त पर विद्रोह में शामिल एक सैनिक ने बताया कि काबोरे ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. नए सैन्य शासन ने कहा कि उसने बुर्किना फासो के संविधान और ‘नेशनल असेंबली’ को भंग कर दिया है. देश की सीमाएं भी बंद हैं और रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू रहेगा. औएद्राओगो ने विस्तृत जानकारी दिए बिना बताया कि देश के नए नेता चुनाव कराने के लिए एक ऐसा समय का निर्धारण करेंगे, जो सभी को स्वीकार्य हो. सरकारी प्रसारणकर्ता ‘आरटीबी’ पर पढ़ी गई इस प्रेस रिलीज पर देश के नए सैन्य नेता लेफ्टिनेंट कर्नल पॉल हेनरी सैंडाओगो दामिबा (Paul Henri Sandaogo Damiba) के हस्ताक्षर थे. वह सोमवार की घोषणा के दौरान कैमरे के सामने आए बिना प्रवक्ता के पास बैठ थे.

बुर्किना फासो में लंबे समय से चल रहा था विरोध

गौरतलब है कि बुर्किना फासो के राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे के आवास के पास रविवार देर रात गोलियों की आवाज सुनी गईं थी. इससे पहले विद्रोही सैनिकों ने दिन में एक सैन्य अड्डे पर कब्जा कर लिया था. काबोरे के राजनीतिक दल ने एक बयान में विद्रोही सैनिकों पर राष्ट्रपति और एक अन्य सरकारी मंत्री की हत्या करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा था कि औगाडोउगोउ में राष्ट्रपति आवास भारी हथियारों से लैस लोगों से घिरा हुआ है.

काबोरे, वर्ष 2015 से ही राष्ट्रपति हैं और नवंबर 2020 में एक बार फिर वह राष्ट्रपति चुने गए थे. वह तभी से विरोध का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कुछ समय पहले देश के प्रधानमंत्री को बर्खास्त कर दिया था और मंत्रिमंडल के ज्यादातर सदस्यों को बदल दिया था. कभी शांतिपूर्ण रहे इस पश्चिमी अफ्रीकी देश में हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही है, क्योंकि अलकायदा और इस्लामिक स्टेट समूह के हमले यहां बढ़ रहे हैं. हाल के वर्षों में हजारों लोग मारे गये हैं और करीब 15 लाख लोग विस्थापित हुए हैं.