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 राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली भारत की इकलौती महिला पायलट ने परेड में लिया हिस्सा, दिखाई बेटियों की ताकत

बनारस की बेटी शिवांगी सिंह गणतंत्र दिवस की परेड में राफेल के साथ दिखाई दीं. वह राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली भारत की इकलौती महिला पायलट हैं.

देश की पहली महिला राफेल जेट पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह (Flight Lieutenant Shivangi Singh) ने बुधवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर भारतीय वायु सेना (IAF) की झांकी में हिस्सा लिया. वह भारतीय वायु सेना की झांकी का हिस्सा बनने वाली दूसरी महिला फाइटर जेट पायलट हैं. पिछले साल, फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ IAF की झांकी का हिस्सा बनने वाली पहली महिला फाइटर जेट पायलट बनी थीं. शिवांगी सिंह बनारस से हैं. वह आईएएफ में 2017 में शामिल हुईं. वह राफेल उड़ाने से पहले मिग-21 बाइसन (MiG-21 Bison) विमान उड़ा चुकी हैं.

शिवांगी सिंग पंजाब के अंबाला में स्थित IAF के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं. वह फुलवरिया इलाके में रहने वाले कारोबारी कुमारेश्वर सिंह की बेटी हैं. उन्होंने विज्ञान में स्नातक करने के दौरान ही एयर एनसीसी जॉइन किया था. सिंह ने सबसे पहले बीएचयू में विमान उड़ाने की ट्रेनिंग ली. उनके नाना भी भारतीय सेना से थे. उन्हीं से शिवांगी सिंह को प्रेरणा मिली और वह भी देश की सेवा करने के लिए वायुसेना मे भर्ती हो गईं.

फ्रांस में निर्मित हैं राफेल विमान

राफेल लड़ाकू विमानों की बात करें, तो इनका निर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने किया है. इसका पहला बैच 29 जुलाई, 2020 को आया था. भारत 36 विमान फ्रांस से खरीद रहा है. कंपनी से राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 2016 में एक समझौता किया गया था. अब तक, 32 राफेल जेट IAF को दिए जा चुके हैं और चार इस साल अप्रैल तक आने की उम्मीद है. फ्रांस और भारत (India France Deal) की सरकारों ने सितंबर 2016 में 7.8 अरब यूरो (करीब 8.8 अरब डॉलर) के कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे.

कई विमानों के मॉडल दिखे

IAF की झांकी ‘भविष्य के लिए भारतीय वायु सेना का परिवर्तन’ विषय पर आधारित थी. इस दौरान राफेल लड़ाकू विमान, स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) और 3D सर्विलांस रडार Aslesha MK-1 के मॉडल प्रदर्शित किए गए. इसमें MiG-21 लड़ाकू विमान का एक छोटा मॉडल भी शामिल रहा, जिसने 1971 के युद्ध में प्रमुख भूमिका निभाई थी. इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हराया था, जिससे बांग्लादेश नाम से एक अलग मुल्क का जन्म हुआ. इसके साथ ही भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित विमान Gnat का एक मॉडल भी दिखाई दिया.