हेल्थ

Bipolar Disorder से पड़ रहा है जूझना, इन फूड्स को करें नजरअंदाज और इन्हें शुरू करें खाना

बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder) के पेशेंट्स के नेचर में बहुत ही जल्दी चेंजिस और मूड स्विंग्स (Bipolar disorder test) देखने को मिलते है. इस प्रॉब्लम से पेशेंट (bipolar disorder causes) के खाने, सोने पर असर पड़ता है.

नई दिल्ली:

हमारी बॉडी में सभी काम को इजाजत हमारा दिमाग देता है. जैसे कि खाना, खुशी-दुख महसूस करना, सोना, घूमना वगैराह. ये सभी काम सही ढंग से चलते रहते है. जब तक कोई बीच में आकर इसे डिसबैलेंस न कर दे. दिमाग का काम कई वजहों से डिसबैलेंस हो सकता है. अगर उन्हें टाइम पर काउंसलिंग या इलाज मिल जाए तो ये डिसबैलेंस कंट्रोल हो सकता है. लेकिन, कई बार हम इसे नजरअंदाज कर देते है. इस प्रॉब्लम को बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder) कहते है. जो कि एक मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है. इसमें पेशेंट के नेचर में बहुत ही जल्दी चेंजिस और मूड स्विंग्स (Bipolar disorder test) देखने को मिलते है. वो अचानक ही बहुत खुश तो एक ही पल में बहुत उदास रहने लगता है. इस प्रॉब्लम से पेशेंट के खाने, सोने और दिनभर की एक्टिविटीज, एनर्जी लेवल और नेचर पर भी असर पड़ता है. वैसे तो ये लाइफटाइम रहने वाली प्रॉब्लम होती है. जिसे दवाइयों और काउंसिलिंग के साथ कंट्रोल (bipolar disorder causes) में रखा जा सकता है. 

मेंटल हेल्थ और खाना 
जैसे दूसरी बीमारियों में हेल्थ ठीक करने के लिए खाना अहम रोल निभाता है. वैसे ही बाइपोलर डिसऑर्डर में भी सही डाइट जरूरी होती है. इस बीमारी के पेशेंट्स में वजन बढ़ने और उसकी वजह से होने वाली बीमारियों (symptoms of bipolar disorder) की कंडीशन भी बन सकती है. इसलिए ऐसे पेशेंट्स के खाने का खास ध्यान रखना चाहिए. 

इन चीजों को खाना है फायदेमंद
सही डाइट वजन को बैलेंस रखने के साथ ही दिमाग को सही तरीके से काम करने में भी मदद करती है. अपनी डाइट में रोज कम से कम एक ताजा और मौसमी फल जरूर शामिल करें. इसके साथ ताज़ी सीजनल सब्जियां, सोयाबीन, मूंगफली, चने, दालें, साबुत अनाज, मछली, अंडे, अखरोट जैसे ड्रायफ्रूट्स वगैराह भी जरूर शामिल करें. क्योंकि बॉडी और दिमाग को भरपूर न्यूट्रिशन देने के लिए फैट्स की क्वांटिटी भी जरूरी होती है. इसलिए फैट्स (bipolar disorder prevention) को एकदम बंद न करें, बल्कि इसके लिए सही ऑप्शन चुनें.

इन चीजों से करें परहेज
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिन लोगों को बाइपोलर डिसऑर्डर की प्रॉब्लम हो उन्हें सैचुरेटेड फैट्स जैसे बटर, चीज, रेड मीट, ट्रांसफैट्स जैसे फ्रेंचफ्राइज़, समोसे, कचौरी, पकौड़े, केक, डोनट्स या चिप्स के साथ कार्बोहाइड्रेट्स यानी शुगर या प्रोसेस्ड फ़ूड को खाने से बचना चाहिए. ये मोटापा बढ़ाने, डायबिटीज और हार्ट डिजिजीज के चांसिज को बढ़ाने के साथ ही मूड स्विंग्स के एपिसोड्स को भी ट्रिगर कर सकते हैं. कैफीन और नमक का इस्तेमाल भी कंट्रोल में करने से अच्छे रिजल्ट्स (Permanent cure for bipolar disorder) देखने को मिल सकते हैं