केरल के ‘बैकलॉग डेथ’ नंबर के कारण देश में अचानक बढ़ी मौत की संख्या, पिछले 10 दिन के आंकड़ों से समझिए
भारत में कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा एक बार फिर लोगों को डरा रहा है. इसके पीछे की वजह केरल के बैकलॉग डेथ के आंकड़े हैं.
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले तो कम हुए हैं, लेकिन मौत का आंकड़ा कुछ इस कदर बढ़ रहा है, जिसे देख लोगों का डर जाना लाजमी है. एक सवाल जो सभी के मन में बना हुआ है, वो ये कि जब कोविड-19 के मामले कम हो रहे हैं, तो फिर ये मौत में (Coronavirus Death Toll) अचानक इतना बड़ा उछाल कैसे हो रहा है? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को जारी आंकड़ों में बताया कि बीते 24 घंटों में 1,61,386 नए मामले सामने आए हैं और 1733 लोगों की मौत हुई है. इसमें केरल के बैकलॉग डेथ (Backlog Death) के 1063 मामले शामिल हैं. इसके साथ ही देश में कुल मृतकों की संख्या 4,97,975 हो गई है.
इससे एक दिन पहले जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में एक दिन के भीतर 1,67,059 नए मामले सामने आए और 1192 मरीजों की मौत हुई. यानी कल के मुकाबले आज केस तो कम हुए लेकिन मौत का आंकड़ा फिर बढ़ गया, क्योंकि केरल के 1063 बैकलॉग डेथ के मामले जुड़ गए. ठीक इसी तरह की खबर 31 जनवरी को भी सामने आई थी. पता चला कि देश में एक दिन के भीतर 959 मौत हुई हैं. इसमें केरल के 374 बैकलॉग डेथ के आंकड़े भी शामिल थे. बैकलॉग डेथ, का मतलब होता है, मौत के वो आंकड़े जो बाद में जोड़े जाते हैं. या बाद में जिनकी सूचना मिलती है. पहले आप बीते 10 दिन के आंकड़ों पर एक नजर डाल लीजिए.
तारीख | देश (24 घंटों में मौत) | केरल (24 घंटों में मौत) | मौत का कुल आंकड़ा | बैकलॉग डेथ (केरल) |
24 जनवरी | 439 | 38 | 489848 | 39 |
25 जनवरी | 614 | 13 | 490462 | 158 |
26 जनवरी | 665 | 70 | 491127 | 84 |
27 जनवरी | 573 | 63 | 491700 | 77 |
28 जनवरी | 627 | 96 | 492327 | 57 |
29 जनवरी | 871 | 94 | 493198 | 258 |
30 जनवरी | 893 | 94 | 494091 | 311 |
31 जनवरी | 959 | 101 | 495050 | 374 |
01 फरवरी | 1192 | 91 | 496242 | 638 |
02 फरवरी | 1733 | 142 | 497975 | 1063 |
क्या होती हैं बैकलॉग डेथ?
कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे अस्पताल कई बार सरकार और स्वास्थ्य विभाग को मौत का आंकड़ा नहीं देते हैं. यानी अस्पताल में मौत तो हो रही हैं, लेकिन सरकार तक वो आंकड़ा नहीं पहुंच रहा. बहुत बार ऐसा होता है, जब अस्पताल सूचना देने में दो दिन, चार दिन या इससे अधिक समय लगा देते हैं. जिसके चलते राज्य के कुल मौत के आंकड़े में वो संख्या जुड़ नहीं पाती. इसके अलावा कई बार मरीज की मौत के बाद पोस्टमार्टम में पता चलता है कि वह कोरोना से संक्रमित था. उदाहरण के तौर पर किसी अस्पताल में 25 जनवरी को 17 मौत हुईं. लेकिन उसने सरकार को इसकी सूचना 31 जनवरी को दी.
अब सरकार 31 जनवरी के दिन हुई मौत की कुल संख्या में बैकलॉग डेथ के आंकड़े यानी 17 जोड़ लेगी. जैसे 31 जनवरी को राज्य में 25 मौत हुईं. अब सरकार 1 फरवरी को आंकड़े जारी करके बताएगी कि 24 घंटे में 25 मौत हुईं + बैकलॉग डेथ 17 हैं. इस हिसाब से 1 फरवरी को इस राज्य से कोरोना मृतकों का आंकड़ा 42 आएगा. कुछ यही स्थिति लगातार केरल में देखने को मिली है. हालांकि इससे पहले दूसरे राज्यों से भी बैकलॉग डेथ के मामले सामने आए हैं. लेकिन जब बीते दस दिन के आंकड़े देखे गए, तो सिर्फ केरल का ही नाम सामने आया.