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शिवराज सरकार का सिरदर्द बने व्यापम का बदला जाएगा नाम, क्या मिट सकेंगे दाग

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के लिए सिरदर्द बन चुके व्यापम घोटाले से पीछा छुड़ाने के लिए एक बार फिर बदलने जा रही है. व्यापम का नया नाम अब कर्मचारी चयन मंडल होगा. बताया जाता है कि शिवराज कैबिनेट में व्यापम का नाम बदलने पर फैसला हो चुका है।

भोपाल :

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के लिए सिरदर्द बन चुके व्यापम घोटाले से पीछा छुड़ाने के लिए एक बार फिर बदलने जा रही है. व्यापम का नया नाम अब कर्मचारी चयन मंडल होगा. गौरतलब है कि शिवराज कैबिनेट में व्यापम के नाम को बदलने को लेकर चर्चा हुई थी, जिसमें नाम बदलने पर फैसला लिया गया. अब जल्द ही नए नाम को मंजूरी मिलने की संभावना है. गौरतलब है कि इससे पहले भी इसका नाम बदला जा चुका है. घोटाले से बदनाम होने के बाद व्यापम का नाम बदलकर इस भर्ती परीक्षा का नाम प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड रखा गया था. इसके बाद भी परीक्षाओं में बार-बार घोटाले की खबरें आती रहती है, जिसके बाद यह कदम उठाया जा रहा है.

यह है मध्य प्रदेश व्यापम घोटाला 
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (जिसका घोटाले के कारण नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया गया है) की ओर से आयोजित होने वाली परीक्षाओं में आपराधिक तरीकों से अयोग्य उम्मीदवारों को भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में पास कराने का खेल खेला जाता था. इनमें MPPM भी शामिल हैं. इसके माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरी के लिए  प्रवेश दिया जाता था. गौरतलब है कि इंदौर क्राइम ब्रांच ने इस मामले में सबसे पहली बार FIR दर्ज की थी. वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश के कई थानों में मामले दर्ज होने के बाद जब यह राजनीतिक मुद्दा बन गया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापम घोटाले की जांच के लिए SIT का गठन किया था.

अब तक हो चुकी हैं 50 से ज्यादा मौतें
व्यापमं घोटाले की गूंज जब देश में चरम पर थी, तब इस घोटाले से जुड़े आरोपियों में से एक के बाद एक कर 49 लोगों की मौत हो गई. मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और इस मामले के आरोपियों में से एक लक्ष्मीकांत शर्मा के निधन के साथ यह मौत का आंकड़ा 50 से ज्यादा पहुंच गया था. मामले की जांच एसटीएफ से लेकर सीबीआई तक के पास आई, लेकिन इस मामले की गुत्थी सुलझने के बजाए और उलझती चली गई. गौरतलब है कि घोटाले में पहला बड़ा नाम पूर्व श‍िक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का ही आया था. उनके साथ 100 से ज्यादा और भी आरोपियों के नाम इस मामले में दर्ज है. इस घोटाले की खास बात ये है कि व्यापमं में तैयार की जा रही चार्जशीट में सिर्फ नेताओं के नाम ही नहीं, बल्क‍ि पुलिसकर्मियों, बिचौलियों, छात्रों और अभिभावकों के भी नाम दर्ज हैं.