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इजरायल को सताया रूस संग रिश्ते बिगड़ने का डर, यूक्रेन को दिया झटका, रक्षा कवच ‘आयरन डोम’ बेचने से किया इनकार

 इजरायल ने यूक्रेन को आयरन डोम बेचने वाले अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. उसने कहा है कि इससे उसके रूस के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं.

इजरायल (Israel) ने अमेरिका के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें आयरन डोम डिफेंस सिस्टम की बैटरियां यूक्रेन भेजने की बात कही गई थी. इजरायल ने कहा कि उसे लगता है कि अगर वह अनुमति देता है तो उसके रूस (Russia) के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं. इस बात की जानकारी इजरायल की मीडिया ने दी है. इजरायल ने अमेरिकी प्रशासन से कहा है कि वह कीव (Ukraine Crisis) में आयरन डोम की बैटरी भेजे जाने से जुड़े प्रस्ताव से सहमत नहीं है. इससे यरुशलम और मॉस्को के रिश्ते खराब होने का डर है. इसके साथ ही उसने सीरिया पर रूस के प्रभाव का भी जिक्र किया है.

यूक्रेनी सरकार ने अब आयरन डोम सिस्टम की बैटरियों के हस्तांतरण को मंजूरी देने के लिए इजरायल से सीधे अनुरोध किया है. यूक्रेन ने पहले बाइडेन प्रशासन से पैट्रियट और आयरन डोम मिसाइलों को ट्रांसफर करने का अनुरोध किया था और इसे डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों की मंजूरी भी मिली थी. हालांकि आयरन डोम प्रोजेक्ट को संयुक्त रूप से इजरायल और अमेरिका ने विकसित किया था. इसलिए इसकी बिक्री के लिए दोनों देशों की अनुमति की आवश्यकता होती है. यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनका देश रूसी आक्रमण की आशंकाओं के कारण एयर डिफेंस टेक्नोलॉजी पर इजरायल के साथ अधिक सहयोग चाहता है.

इजरायल क्यों करता है आयरन डोम का इस्तेमाल?

इजरायल आयरन डोम डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल यरुशलम और अन्य यहूदी बस्तियों में मिसाइलों को रोकने और नष्ट करने के लिए करता है, जिनके जरिए कट्टरपंथी इस्लामी फिलिस्तीनी समूह हमास इजरायल को निशाना बनाता है. इजरायल रूस को परेशान नहीं करना चाहता है क्योंकि उसकी सीरिया में मौजूदगी है. यहां रूस राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार को युद्धग्रस्त देश में आतंकवादी समूहों से लड़ने में मदद करता है. इजरायल के हालिया कदम से पता चलता है कि अमेरिका के साथ करीबी के बावजूद वह सीरिया में रूस की मौजूदगी के कारण उसे नाराज नहीं करना चाहता है, जिसके साथ वो खुद भी सीमा साझा करता है.

यूक्रेन को क्यों पड़ी आयरन डोम की जरूरत?

यूक्रेन का इस वक्त रूस के साथ काफी ज्यादा तनाव चल रहा है. इस बात की आशंका बनी हुई है कि रूस इस देश पर हमला कर इसे अपने कब्जे में ले लेगा. रूस ने यूक्रेन से लगने वाली सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी है. जिसके कारण यूक्रेन पर हमले का खतरा बढ़ रहा है. अमेरिका का कहना है कि आने वाले दिनों या हफ्तों में रूस हमला कर सकता है. अमेरिका सहित यूरोप के कई देश इस मुश्किल वक्त में यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक मदद भी मुहैया करवा रहे हैं. दूसरी तरफ रूस का कहना है कि उसका यूक्रेन पर हमले या कब्जे का कोई इरादा नहीं है. वो बस इतना चाहता है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल ना किया जाए, पश्चिमी देश पूर्व की तरफ बढ़ना बंद करें और अतीत में सोवियत संघ का हिस्सा रहे देशों से अपनी सेनाओं की वापसी करा लें.