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एक्ट्रेस सोनी रावत की जिंदगी का संघर्ष.

सोनी रावत ने अपने जीवन के बारे में बताया

मेरा जन्म दिल्ली में हुआ। मेरे पिताजी कृषि विभाग में कृषक पद पर थे। मैं किसान की बेटी हूं। मेरे पिताजी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। पिताजी सरकारी नौकरी पर पदाधिकारी थे। मां पिताजी अनपढ़ थे। मां पिताजी दोनों का स्वर्गवास हो गया है। मैंने अपनी पढ़ाई बड़ी बहन के साथ रहकर पूरी की। भाई का कोई सपोर्ट नहीं है। हम दो बहन एक भाई हैं। मैं सबसे छोटी हूं। मेरे अंदर बचपन से कुछ अलग कर दिखाने का हमेशा जुनून रहा है। जब मैं दसवीं कक्षा में पढ़ती थी। तब मैंने एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भाग लिया था। उस दौरान गेम्स प्रतियोगिता में दिल्ली की होनहार खिलाडी आई थी। तब मैंने एथलेटिक्स प्रतियोगिता जैवलिन थ्रो में फर्स्ट आई थी और शॉटपुट में सेकंड आई थी। मुझे ट्रॉफी और सर्टिफिकेट के साथ सम्मानित किया गया था। इसके अलावा एन.सी.सी.कैंप में फायरिंग कंपटीशन में भी फर्स्ट पोजीशन आई थी और यहां पर भी मैंने ट्रॉफी और सर्टिफिकेट जीता था। हर मोड़ पर जितना मेरा मकसद है। मैं बचपन से ही खिलाड़ी रही हूं जो डरते हैं कभी आगे बढ़ते नहीं जो मेहनत करते हैं कभी हारते नहीं। डर के आगे हमेशा जीत होती हैं।

गांव की संतोष से कैसे बनी एक्ट्रेस सोनी रावत

मेरा रियल नाम संतोष है। दसवीं कक्षा में जब पढ़ती थी तब मेरे भाई ने मेरी पढ़ाई ड्रॉप करवाके मुझे गांव में ले गया। तब मेरी उम्र 13 साल की थी। गांव में मुझसे अपने कपड़े धुलवाता था। खेतों में जबरदस्ती काम करवाता था। गोबर उठवाता था। भैंस चरवाता था। जब मैंने यह सब करने से मना किया तो मुझे लोहे की हसिया औजार से मारपीट करता था और बबूल के कांटे की डंडी से मारता था। मुझे बहुत प्रताड़ित करता था। फिर मेरी बड़ी बहन ने मुझे गांव से लाकर अपने साथ रखा। तब जाकर मैंने आगे की पढ़ाई पूरी की।
मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी राम लाल आनंद कॉलेज से ग्रेजुएशन कंप्लीट किया। इसके बाद मैंने स्ट्रीट प्ले किया। स्ट्रीट प्ले के साथ मैंने मॉडलिंग में फोटो शूट किया। बहुत संघर्ष करने के बाद फिर मैंने एक्टिंग पर ध्यान दिया। इसी दौरान मैंने अपना ऑडिशन दिया और सटोरिया मूवी मिली।

सटोरिया मूवी के लेखक ,निर्देशक ,निर्माता, शशि कपूर्ण कश्यप सर जी ने मुझे अपनी फिल्म में सेलेक्ट कर लिया। मुझे अच्छा काम मिला फिल्म_ सटोरिया।
स्टार्ट टेल एंटरटेनमेंट बैनर तले बन रही हिंदी फीचर फिल्म सटोरिया एक संदेशात्मक सब्जेक्ट है। इस बैनर के माध्यम से मुझे आगे बढ़ने का प्लेटफार्म मिला है जिससे मैं मेहनत करके आगे बढ़ सकती हूं।

क्या आप जिस तरह खिलाड़ी स्वरूप आगे बढ़ी हैं और उसी प्रकार इस फिल्म के माध्यम से क्या कर सकती हैं।
जी हां जिस प्रकार मैंने बचपन में गेम को बहुत ही शिद्दत से प्रतियोगिताओं को जीता है। उसी प्रकार में इस फिल्म में ग्लैमर की दुनिया में उतरी हूं। मेरा मकसद है जितना आप सभी दर्शकों का प्यार, स्नेह और आशीर्वाद। ये है मेरा विश्वास।

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