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राईट टु हैल्थ बिल के विरोध में चिकित्सकों की हड़ताल 11 वें दिन भी जारी,मरीजों को हो रही भारी परेशानी|

मुकेश कुमार शर्मा,बानसूर :- सरकार की ओर हाल ही में पारित किये गये राईट टु हैल्थ बिल के विरोध में कोटपुतली, बानसूर क्षेत्र के सभी निजी अस्पतालों में चिकित्सकों द्वारा 11 दिन से लगातार जारी हड़ताल के चलते अस्पताल बंद होने के कारण क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। करीब 1000 से ज्यादा ऑपरेशन टाल दिये गये है। इमरजेंसी के मरीजों को समीपवर्ती राज्य हरियाणा के चिकित्सालयों में ईलाज के लिए जाना पड़ रहा है। शुक्रवार को बानसूर के रामनिवास गार्डन में बानसूर और कोटपूतली के निजी अस्पतालों, डेंटल एसोशियसन, कैमिस्ट एसोशियसन ने जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया।इस दौरान राईट टु हैल्थ बिल की विसंगतियों के बारे में बताते हुए राज्य सरकार से इस बिल को वापस लेने या अन्य कोई बीच का रास्ता निकालने की मांग की। इस दौरान चिकित्सकों ने एक स्वर में कहा कि यह बिल असंवैधानिक है और इससे चिकित्सकों व मरीजों के बीच आये दिन झगड़े बढ़ेंगे। सरकार को इसे वापस लेना चाहिए नहीं तो आंदोलन को उग्र किया जायेगा। इस कारण जनता को होने वाली असुविधा व हानि की जिम्मेदारी सरकार की होगी। कार्यक्रम में स्थानिय डाॅ. डी आर यादव ने कहा कि सरकार द्वारा यह बिल निजी अस्पताल पर थोपने के बजाय अपने सरकारी संसाधन को बढ़ाना चाहिए। जिस तरह से सरकारी हॉस्पिटल में मरीजों को देखा जाता है वह किसी से छुपा नहीं है। कागजों के नाम पर ही मरीजों को इतना परेशान किया जाता है कि मरीज स्वयं वहां जाना पसन्द नही करते। राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस में भी खुद की मषीनरी नहीं है वहां भी प्राईवेट टेस्ट करवाने पड़ते है। आपको बता दे कि राइट टू हेल्थ बिल राज्य सरकार द्वारा 21 मार्च को विधानसभा मंे पारित किया गया था। जिस पर डाॅ़. का कहना है की बिल आनन-फानन में लाया गया बिना विशेषज्ञों के परामर्श के इसे बनाकर थोपा गया। निजी चिकित्सक संघ का कहना है कि इस बिल का कोई काम ही नहीं है जब गवर्नमेंट चिरंजीवी योजना, भामाशाह योजना में लाभ दे रही है तो राइट टू हेल्थ बिल की जरूरत ही क्या है। इस दौरान राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल कोटपूतली के पीएमओ पद से सेवानिवृत्त डॉ आर आर यादव ने सम्बोधित करते हुए कहा कि यह बिल गवर्नमेंट द्वारा अपनी नाकामी छिपाने के लिए लाया गया है। गवर्नमेंट ने 4 साल में जो कार्य किए हैं उसे जनता संतुष्ट नहीं थी अपनी नाकामी छिपाने के लिए यह बिल विधानसभा में पारित आनन-फानन में किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अपनी नाकामी को छुपाने की हद तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने 17 मार्च को 19 जिले और 3 संभाग बनाने की घोषणा की यह भी सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए ही घोषित किए हैं। ताकि जनता का ध्यान इधर चला जाए। राइट टू हेल्थ जनता के और चिकित्सकों के दोनों के फेवर में नहीं है बल्कि इन दोनों के बीच के सेतु को तोड़ने का कार्य करेगा। जनसंवाद के बाद कोटपूतली और बानसूर निजी चिकित्सक संघ द्वारा एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपनी मांगों का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सोपा। इस दौरान डॉ. आर. आर. यादव, डॉ. एस.एम. यादव, डॉ. मनोज गुप्ता, डॉ. सतीष यादव, डॉ. डी. आर यादव, डाॅ. महावीर, डाॅ. हरिसिंह यादव सहित सभी निजी चिकित्सक संघ के डाॅक्टर मौजूद रहे।