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यूपी में कोरोना कर्फ्यू ढील से अब तेज होंगी आर्थिक गतिविधियां

यूपी सरकार आंशिक कोरोना कर्फ्यू से 55 जिलों को पांच दिन की छूट देने के साथ ही अब उद्योग, कारोबार व आर्थिक गतिविधियां तेज करने की तैयारी में है। अब चरणबद्ध तरीके से कोरोबारी गतिविधियों को अधिक गति दी जायगी। सूबे में औद्योगिक निवेश संबंधी प्रस्तावों पर सहमति देने और उन्हें जल्द से जल्द शुरू करने पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा। निर्माण संबंधी बड़ी परियोजनाओं में तेजी से कार्य करने पर जोर देने के साथ ही एक जिला एक उत्पाद योजना को लेकर ‘मेक इन यूपी’ को आगे बढ़ावा देने पर फोकस बढ़ाया जाएगा। ओडीओपी उत्पादों को ई-कामर्स प्लेटफार्म के जरिए बढ़ावा देने के प्रयास तेज किए जाएंगे। इसके साथ ही आंशिक कोरोना कर्फ्यू के दौरान रोज कमाने और खाने वाले पटरी दुकानदारों, दैनिक मजदूरों और श्रमिकों को पिछले साल की तरह इस साल भी प्रति माह एक हजार रुपए का भरण पोषण भत्ता देने का कार्य भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री के फैसले के तहत अब करीब आठ लाख 80 हजार पटरी दुकानदारों को एक हजार रुपए मिलेंगे। इसके लिए सात सौ करोड़ की मंजूरी दी गई है। यह सौगात मुख्यमंत्री की ओर से एक जून को दी जाएगी।

इस कोरोना काल में चलती रहीं फैक्ट्रियां, श्रमिक करते रहे काम

उत्तर प्रदेश के लिए पिछली बार के लॉकडाउन के मुकाबले इस बार का आंशिक कोरोना कर्फ्यू ज्यादा राहत भरा रहा। इस बार न केवल उद्योग कारोबार चलते रहे, श्रमिको को रोजगार काम मिलता रहा। यही नहीं सरकारी खजाने में बढ़ोतरी भी पिछले साल के  मुकाबले इस बार ज्यादा हुई। गत वर्ष अप्रैल व इस  साल के अप्रैल इस बात के गवाह हैं। 

असल में आंशिक कोरोना कर्फ्यू के कारण  राज्य में रोज कमाने खाने वाले, पटरी दुकानदार, दैनिक मजदूर और फैक्ट्रियों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों को रोजी -रोजी का संकट नहीं हो पाया।  सूबे में आर्थिक कामकाज होते रहने के चलते रहे। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां आंशिक कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया है। यहां कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कारोबारी गतिविधियां चल रही हैं। जबकि अन्य कई राज्यों में पूर्णत: लॉकडाउन है।

उत्तर प्रदेश में करीब साढ़े आठ लाख उद्योग पंजीकृत हैं। इन उद्योगों में करीब 80 लाख लोग काम करते हैं। इसी प्रकार राज्य में करीब 80 लाख उद्योग अपंजीकृत हैं और इनमें दो करोड़ लोग काम करते हैं। राज्य में लगाए गए आंशिक कोरोना कर्फ्यू में उन्हें अपना-अपना कार्य करने की छूट मिली हुई है।  कोरोना महामारी की तीखी लहर के दौरान राज्य में रोज कमाने खाने वाले, पटरी दुकानदार, दैनिक मजदूर और फैक्ट्रियों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों के जीवन तथा जीविका को बचाने के लिए उन्हें आंशिक कोरोना कर्फ्यू के दौरान अपना कामकाज जारी रखने की छूट  है।

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