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Women’s Hockey World Cup में टीम इंडिया को मिला मुश्किल ग्रुप, आसान नहीं होगी नॉकआउट की राह

इस साल स्पेन और नैदरलैंड्स में महिला हॉकी वर्ल्ड कप का आयोजन होने वाला है जिसमें भारत भी हिस्सा लेगा

इस साल एक जुलाई से शुरू होने वाले महिला हॉकी वर्ल्ड कप (FIH Women World Cup) के लिए गुरुवार को ड्रॉ निकाला गया जिसके बाद यह तय हो गया कि स्पेन और नैदरलैंड्स (Netherlands) में होने वाले इस टूर्नामेंट में कौन सी टीम किस ग्रुप का हिस्सा होंगी. एक से 17 जुलाई के बीच होने वाले इस टूर्नामेंट में 16 टीमें हिस्सें लेंगी जिसमें भारत (Indian Women Hockey Team) भी शामिल है. गुरुवार को हुए ड्रॉ के बाद इन 16 टीमों को चार अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है.

स्पेन और नैदरलैंड्स को टूर्नामेंट की मेजबनी दी गई है. उन दोनों के अलावा यूरो हॉकी चैंपियनशिप से बेल्जियम, इंग्लैंड और जर्मनी ने वर्ल्ड कप को क्वालिफाई किया है. ओशेनिया की ओर से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने क्वालिफाई किया है. अफ्रीका कप ऑफ नेशंस के विजेता साउथ अमेरिका ने भी वर्ल्ड कप में जगह पक्की की. पैन अमेरिकन से अर्जेंटीना कनाडा और चिली ने क्वालिफाई किया है. वहीं एशिया कप से भारत के अलावा चीन जापान और कोरिया ने हिस्सा लिया है.

टीम इंडिया को मिला मुश्किल पूल

भारतीय महिला हॉकी टीम को एक जुलाई से स्पेन और नीदरलैंड में होने वाले विश्व कप के लिये पूल बी में इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और चीन के साथ रखा गया है. भारतीय टीम ने हाल ही में मस्कट में एशिया कप में तीसरे स्थान पर रहकर विश्व कप के लिये क्वालीफाई किया था. भारतीय टीम की अनुभवी गोलकीपर सविता पूनिया ने हॉकी इंडिया द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा ,‘यह कठिन पूल है क्योंकि विश्व रैंकिंग में इंग्लैंड ( तीसरे नंबर पर ) और न्यूजीलैंड ( आठवें नंबर पर ) हमसे ऊपर है और चीन कभी भी उलटफेर कर सकता है.’

पूल के हिसा से तैयारी करेगी टीम

उन्होंने कहा ,‘एक टीम के रूप में हमारा फोकस हमेशा से अपने प्रदर्शन पर रहा है , विरोधी की क्षमता पर नहीं. अब चूंकि हमें पता चल गया है कि पूल चरण में किनसे खेलना है तो हम उसके अनुसार तैयारी कर सकते हैं.’ भारतीय टीम पिछले विश्व कप में पहली बार शीर्ष आठ में रही थी. भारत ने इंग्लैंड और अमेरिका से 1-1 से ड्रॉ खेला था और आयरलैंड से 0-1 से हार गए थे. नीदरलैंड ने आयरलैंड को हराकर विश्व कप जीता था. सविता ने कहा ,‘वह बहुत अच्छा टूर्नामेंट था जिससे हमारा आत्मविश्वास बढा. इंग्लैंड को उसकी धरती पर ड्रॉ पर रोकना 2018 में हमारे लिये बहुत बड़ी बात थी. वह क्वार्टर फाइनल में आयरलैंड को हराने के करीब पहुंचे थे लेकिन शूटआउट में हार गए .’