कृषि

मध्य प्रदेश में अधिकारियों की लापरवाही से खराब हो रही करोड़ों रुपये की उड़द, चना और मसूर दाल

सागर जिले के साईखेड़ा वेयर हाउस में तीन साल से रखे-रखे खराब हो रही है उड़द, चना और मसूर की दाल. कलेक्टर ने जल्द अनाज उठान करने के दिए निर्देश.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में वेयर हाउस कार्पोरेशन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. सागर जिले के सरकारी गोदामों में किसानों (Farmers) से खरीदकर रखे गए अनाज की देखरेख में लापरवाही बरती जा रही है. इससे करोड़ों रुपये का अनाज खराब हो रहा है. रखरखाव व देखरेख में बरती जा रही लापरवाही की वजह से तीन साल बाद भी अनाज का उठान नहीं हुआ है. जिससे नमी के कारण दलहनी उपज खराब हो रही है. इससे सरकार को करोड़ों रुपये की क्षति का अनुमान है. जानकारों के अनुसार चना व उड़द सालभर स्टाक करने के बाद ही बेस्वाद होने लगता है. लेकिन, सागर जिले के साईखेड़ा वेयर हाउस में तीन साल से अधिक समय से उड़द व चना (Gram) का लाखों क्विंटल स्टाक रखा हुआ है.

वेयर हाउस जाकर जब इसमें रखे दहलनी स्टाक का जायजा लिया गया तो कई बोरों का अनाज खराब होते दिखा. जानकारी के अनुसार वेयर हाउस में वर्ष 2018-19 में खरीदी गई 16 लाख 69 हजार 957.80 किलोग्राम उड़द में से वर्तमान में 14 लाख 4 हजार 492.38 किलो का स्टाक है. इसी तरह वर्ष 2018-19 में खरीदे गए 2 हजार 420.48 किग्रा चने का स्टॉक है. इसी तरह 2020-21 में 48 हजार 542.36 किलोग्राम चना खरीदा गया था, जो पूरा का पूरा ही स्टाक में रखा हुआ है. इसी तरह 2020-21 में खरीदी गई मसूर भी रखी हुई है.

मध्य प्रदेश के सागर जिला स्थित साईखेड़ा वेयर हाउस में सड़ रहा अनाज.

खराब होने से पहले की जाती है नीलामी लेकिन…

किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके, इसीलिए सरकार उनसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर चना व उड़द आदि की खरीदी करती है. इसकी खरीदी के बाद वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के गोदामों में इन्हें स्टाक कर रख दिया जाता है. यहां अनाज के रखरखाव के बेहतर व्यवस्था की जाती है.

अनाज का समय-समय पर निरीक्षण व देखभाल के लिए कीटनाशक (Pesticide) दवा आदि का उपयोग किया जाता है. अनाज में घुन न लगे व इसके खराब होने से पहले ही इसे अच्छी अवस्था में नीलामी का व्यापारियों को बेच दिया जाता है, लेकिन साईंखेड़ा वेयर हाउस में ऐसा नहीं किया गया.

अनाज उठान के लिए कलेक्टर ने दिए निर्देश

साईंखेड़ा वेयर हाउस में रखे उड़द व चने में घुन लगने से इसका अच्छा भाव मिलने भी बहुत मुश्किल है. समय पर नीलामी न होने से अब जो व्यापारी खरीदी के लिए आएंगे वे समर्थन मूल्य पर की गई खरीदी से भी कम दाम देंगे. जिससे सरकार को बड़ा घाटा होगा. कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि साईंखेड़ा वेयर हाउस में तीन साल पुराने चना, उड़द रखे होने के संबंध में वेयर हाउस कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक से मेरी बात हुई है. उन्होंने बताया कि यह अनाज नाफेड का है. शीघ्र ही अनाज का उठान कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं.